उर्दू, विभाग
महाराज बलवंत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय गंगापुर, वाराणसी की स्थापना 15 नवम्बर 1972 को अक्षय नवमी के दिन भूतपूर्व काशी नरेश महामहिम डा. विभूति नारायण सिंह के कर कमलों द्वारा हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र विशेष रूप से गंगापुर, वाराणसी में उच्च शिक्षा का प्रसार एवं विशेषतः इस क्षेत्र की लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान करना था।
अपने स्थापना दिवस से इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर हिन्दी, संस्कृत एवं अंग्रेज़ी के साथ-साथ उर्दू भाषा में भी शिक्षा की व्यवस्था मौजूद है। महाविद्यालय के पहले उर्दू उस्ताद डा. फिरोज अहमद थे जिन्होंने चार साल 1972 से 1976 तक अपनी सेवाएं प्रदान की उसके उपरांत 1978 में डा. नजमुद्दीन अन्सारी की नियुक्ति उर्दू प्रवक्ता के रूप में हुई, उपर्युक्त प्रवक्ताओं की देख रेख एवं उचित मार्गदर्शन मे इस विभाग ने काफी प्रगति की और इस क्षेत्र मे अन्य भाषाओं के साथ उर्दू पढ़ने पढ़ाने का चलन आम हुआ. 1979 मे डाॅ॰ नजमुद्दीन अन्सारी का चयन उर्दू विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हो जाने के उपरांत उन्होने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया उसके बाद लंबे समय तक किसी उर्दू शिक्षक की नियुक्ति नही हुई जिससे छात्र-छात्राओं के अन्दर उर्दू भाषा से रुचि कम से कम होती गयी। एक लम्बे समय के बाद उत्तर-प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज से चयनित हो कर डाॅ॰ मोहम्मद अरशद की नियुक्ति 01 सितम्बर 2022 को हुई जिनकी देख रेख, मार्गदर्शन एवं सरंक्षक एवं यह विभाग अपना अतीत गौरव प्राप्त करने के लिए अग्रसर है। आशा की जाती है कि आने वाले समय में यह विभाग पुनः विकास के पद पर अग्रसर होगा।
महाविद्यालय के प्रबंधन की सदैव यह कोशिश रही है कि गैर उर्दू दो छात्रों को उर्दू भाषा की महत्ता एवं उसकी उपयोगिता से अवगत कराने के लिए कुछ ऐसे उपाय किये जाय जिससे उन्हें भी और विशेष रूप से विधि के छात्रांे को इस भाषा की जानकारी प्राप्त हो सके इस पहल को लागू करने के लिए कौमी कौंसिल वराय फरोगे उर्दू जवान (छण्ब्ण्च्ण्न्ण्स्) नई दिल्ली द्वारा संचालित उर्दू सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा जैसे कोर्स की मान्यता हेतु उस संस्था को आवेदन भेजा जा चुका है। आशा की जाती है कि उस संस्था से स्वीकृति के बाद आगामी सत्र से इस कोर्स की विधिव्त शुरुआत हो जायेगी जिससे गैर उर्दू दो छात्र विशेष रूप से लाभान्वित होंगे
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और काशी विद्यापीठ के बाद यह महाविद्यालय वाराणसी जनपद का एक मात्र ऐसा महाविद्यालय है जहाँ स्नातक स्वर पर छात्र-छात्राओं के लिए समान रूप से चार भाषाओं हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी एवं उर्दू शिक्षा के अध्ययन के लिए उचित व्यवस्था मौजूद है।
उर्दू विभाग:- बी0ए0
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डाॅ0 मोहम्मद अरशद
असिस्टेंट प्रोफेसर (अनुदानित)
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1. डाॅ0 मोहम्मद अरशद- असिस्टेंट प्रोफेसर (अनुदानित)
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शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (उर्दू), पी-एच.डी. (2009, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय)
विशेषज्ञता का क्षेत्र : उर्दू शायरी, गजलियात
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