मनोविज्ञान विभाग
सन् 1972 में 15 नवम्बर (अक्षय नवमी) के दिन इस महाविद्यालय की स्थापना हुई। 1 जुलाई 1973 को श्री चंद्रबली राय की नियुक्ति मनोविज्ञान विभाग में प्रवक्ता के पद पर हुई। सन् 1977 में शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) के द्वारा मनोविज्ञान विभाग में पद का सृजन किया गया। उस समय श्री चंद्रबली राय मनोविज्ञान के अध्यापक थे। श्री चन्द्रबली राय 1997 में महाविद्यालय में कार्यवाहक प्राचार्य का दायित्व निर्वाहन किये थे। सन 1998 में मनोविज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की गई। सन् 1998 में श्री चंद्रबली राय सेवानिवृत्त हो गए। इसके पश्चात डॉ नंदू सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, श्री मनोज मौर्या तथा सुश्री गीतांजलि श्रीवास्तव को प्रबंधकीय व्यवस्था के अंतर्गत मनोविज्ञान विभाग में प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति की गई। 30 अप्रैल 2001 को श्री चंद्रबली राय के रिक्त स्थान पर उच्च शिक्षा सेवा आयोग से चयनित उम्मीदवार डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति स्थाई प्रवक्ता के पद पर की गई। सन् 2001 में ही श्री मनोज मौर्य तथा सुश्री गीतांजलि श्रीवास्तव मनोविज्ञान विभाग को छोड़कर अन्यत्र चले गए। सन् 2001 में डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ नंदू सिंह तथा डॉ सीमा सिंह को स्ववित्तपोषित योजना अंतर्गत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। मनोविज्ञान विभाग में कई छात्र-छात्राएं अध्ययन किए तथा कई पदों पर सुशोभित हैं सत्र 2002-2004 में श्री अरुण कुमार इस विभाग में स्नातकोत्तर के छात्र थे। आज उड़ीसा में पावर प्लांट में स्वचालन व नियंत्रण विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। सत्र 2003-2005 में श्री जय सिंह यहां स्नातकोत्तर के छात्र थे आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। सत्र 2003-2005 में ही श्री सुनील कुमार मौर्य मनोविज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर के छात्र थे आज वाराणसी में भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। श्री अजय कुमार इस महाविद्यालय से सन् 2003 में स्नातक पास किए हैं तथा सन् 2005 में स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग से स्नातकोत्तर पास किए आज डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल चंदौली में मनोचिकित्सा विभाग में नैदानिक मनोवैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। सुमन मौर्या इस महाविद्यालय में मनोविज्ञान की छात्रा थी जो आज जबलपुर (म॰प्र॰) में कांउसेलर के पद पर कार्यरत हैं। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के शोध समिति की बैठक 13 अक्टूबर 2006 के द्वारा डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह को शोध निदेशक के रूप में अनुमोदन किया गया तथा इस महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग को शोध केंद्र बनाया गया। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के शोध उपाधि समिति के 02 अगस्त 2007 के बैठक में श्री संजय कुमार, श्रीमती पंकज सिंह तथा सुश्री अर्चना सिंह को डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में मनोविज्ञान विभाग से शोध कार्य करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। सन् 2009 में अपरिहार्य कारणों से मनोविज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में प्रवेश बंद कर दिया गया लेकिन द्वितीय सत्र की पढ़ाई जारी रही। सन् 2010 में मनोविज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूर्णतः बंद कर दी गई। डॉ॰ सुरेंद्र सिंह, डॉ॰ नंदू सिंह और डॉ॰ सीमा सिंह स्नातकोत्तर की पढ़ाई बंद होने के कारण अन्यत्र चले गए। सन 2010 तक स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग में 15-15 दिनों पर छात्र/छात्राओं के शैक्षिक संगोष्ठी की जाती थी जिसमें 15 दिन में हुए शैक्षिक कार्यों की समीक्षा की जाती थी। सन् 2012 में श्री संजय कुमार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा डॉ0 शैलेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में पी-एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। सन् 2013 में श्रीमती पंकज सिंह तथा अर्चना सिंह को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के द्वारा ही डॉ॰ शैलेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में पी-एच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। 30 अप्रैल 2013 को डाॅ॰ शैलेन्द्र कुमार की प्रोन्नति ऐसोसिएट प्रोफेसर के पद पर की गयी। सन् 2018 में 20-21 फरवरी को मनोविज्ञान विभाग के द्वारा एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई.एस.एस.आर.) के द्वारा संपोषित किया गया था। सन् 2020 में 28 मई को मनोविज्ञान विभाग के द्वारा एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी की मनोविज्ञान विभाग की शोध समिति की बैठक दिनांक 8 जनवरी 2021 में डॉ0 शैलेंद्र कुमार सिंह को शोध निर्देशक नामित किया गया तथा मनोविज्ञान विभाग को शोध केंद्र बनाया गया। जुलाई 2022 में मनोविज्ञान विभाग में पुनः स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू हो गई है तथा छात्र/छात्राओं का प्रवेश लेना भी प्रारंभ हो गया है। 1 नवम्बर 2021 को डाॅ॰ शैलेन्द्र कुमार की प्रोन्नति प्रोफेसर के पद पर की गयी। प्रो॰ शैलेन्द्र कुमार सिंह 2021 में महाविद्यालय में कार्यवाहक प्राचार्य का दायित्व निर्वाहन किये हैं। दिनांक 5 सितम्बर 2021 को शिक्षक दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एवं विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में योगदान हेतु प्रो॰ आनन्द कुमार त्यागी, कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा सम्मानित किया गया। 10 अक्टूबर 2022 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मनोविज्ञान विभाग के द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें बी.एच.यू. के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ॰ अच्युत कुमार पांडे ने मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान दिया। वर्तमान समय में इस मनोविज्ञान विभाग में प्रो॰ शैलेन्द्र कुमार सिंह के अतिरिक्त स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत सुश्री शिवांगी सेठ, डाॅ॰ माधवी श्रीवास्तव तथा डाॅ॰ अजय कुमार कुशवाहा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इसमें डाॅ॰ अजय कुमार कुशवाहा इस महाविद्यालय में 2004-2005 में मनोविज्ञान विभाग के छात्र थे । इस विभाग में वर्तमान समय में तीन शोधार्थी श्री रजत तिवारी, सुश्री दिव्या तिवारी तथा सौरभ मिश्रा प्रो॰ शैलेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में शोध कार्य कर रहे हैं।
मनोविज्ञान विभागः- बी0ए0, एम0ए0, पी.एच.डी.
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प्रो0 शैलेन्द्र कुमार सिंह
प्रोफेसर एवं विभाग प्रभारी (अनुदानित)
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डाॅ0 माधवी श्रीवास्तव
असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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डाॅ0 अजय कुमार कुशवाहा
असिस्टेंट प्रोफेसर(परास्नातक)
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1. प्रो0 शैलेन्द्र कुमार सिंह: प्रोफेसर एवं विभाग प्रभारी (अनुदानित)
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प्रशासनिक उत्तरदायित्व : मुख्य अनुशासक, सदस्य- आई.क्यू.ए.सी. तथा
सदस्य- निर्माण एवं मरम्मत समिति
शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (मनोविज्ञान), पी.जी.डी.सी.पी., नेट (मनोविज्ञान)
पी-एच.डी. (2002 वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा)
विशेषज्ञता का क्षेत्र : क्लीनिकल साइकोलाॅजी
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2. शिवांगी सेठ: असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (मनोविज्ञान), यू.जी.सी.-नेट,
विशेषज्ञता का क्षेत्र : - नैदानिक मनोविज्ञान एवं परामर्श
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3. डाॅ0 माधवी श्रीवास्तव: असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (मनोविज्ञान), पी-एच.डी.
विशेषज्ञता का क्षेत्र : व्यक्तित्व मनोविज्ञान
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4. डाॅ0 अजय कुमार कुशवाहा: असिस्टेंट प्रोफेसर(परास्नातक)
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शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (मनोविज्ञान), पी-एच.डी.
विशेषज्ञता का क्षेत्र :
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