शिक्षाशास्त्र विभाग
1972 ई॰ में महाविद्यालय की स्थापना के पश्चात् शिक्षाशास्त्र विषय को स्नातक स्तर पर एक अतिरिक्त विषय के रूप 1976 ई॰ में शामिल किया गया। लगभग 32 वर्षो तक महाविद्यालय को अपनी सेवाएं देने वाले श्री इस्तियाक अहमद खाँ की नियुक्ति 01.11.1976 को शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रथम प्राध्यापक के रूप में हुई जिन्होंने अपने सेवाकाल में विभाग को प्रगति के पथ पर ले जाने में महती भूमिका का निर्वहन किया। इनके कार्यकाल में सन् 1999 ई॰ में शिक्षाशास्त्र परास्नातक कक्षाओं की मान्यता प्राप्त हुई परास्नातक कक्षाओं के लिए छात्रों का प्रवेश सत्र 2000-2002 के लिए प्रारम्भ हो सका जो वर्तमान समय तक निरंतर गतिशील है। परास्नातक कक्षाओं के सफल संचालन के लिए डाॅ॰ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति दिनांक-15/07/2002 में हुई। डाॅ॰ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव ने 12 पुस्तकों का प्रकाशन सहलेखक के रूप करा चुके है इन्होंने 25 शोध पत्रों का प्रकाशन भी कराया जो इनकी विद्वता एवं उच्च ज्ञान को प्रदर्शित करते है इन्होंने सन् 2010 ई॰ में केन्द्राध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालयी परीक्षाओं को सकुशल सम्पन्न कराया, सेवाकालीन प्रशिक्षण के अन्तर्गत सन् 2005 ई॰ में अभिविन्यास पाठ्यक्रम एवं सन् 2022 ई॰ में पुनश्चर्या पाठ्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा कर अपने शिक्षण कौशल को बढ़ाया है। महाविद्यालय में शिक्षाशास्त्र विभाग को निरन्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न समितियों के सदस्य भी रहे सन् 2018 ई॰ से वर्तमान तक राजातालाव परिसर के प्रभारी के कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठापूर्वक कर रहे हैं। डाॅ॰ अखिलानन्द सिंह की नियुक्ति दिनांक- 10/03/2008 को हुई यह विभागीय कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के प्रभारी भी है जिसके अंतर्गत छात्रों को पाठ्यसहभागी क्रियाओं के माध्यम से उनके सर्वांगीण विकास के लिए निरन्तर प्रयासरत रहते है। अपनें कार्यकाल में सन् 2014 में राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय से पी-एच॰डी॰ की डिग्री प्राप्त की।
डाॅ॰ भूपेन्द्र कुमार यादव की नियुक्ति दिनांक 12/10/2009 को हुई अपने सेवाकाल में इन्होंने 25 सेमिनार/कार्यशालाओं में अपने शोधपत्रों को प्रस्तुत किया एवं आन्तरिक गुणवत्ता मूल्यांकन समिति सदस्य, रोवर्स प्रभारी तथा विभिन्न समितियों के सक्रिय सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते आ रहे है। श्री इस्तियाक अहमद खाँ दिनांक- 30/06/2007 को सेवानिवृत हुए इस पद पर डाॅ॰ रामकृष्ण पाण्डेय की नियुक्ति दिनांक- 06/08/2011 को असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डाॅ० रामकृष्ण पाण्डेय जी महाविद्यालय के गंगापुर परिसर प्रभारी, खेल प्रभारी पदों को सुशोभित करने के साथ-साथ विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में विभाग एवं महाविद्यालय को निरन्तर आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहे। सेवाकालीन प्रशिक्षण के अन्र्तर्गत अभिविन्यास पाठ्यक्रम एवं पुनश्चर्या पाठ्यक्रम को पूरा किया। दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति कोरोना काल में दिनाॅक- 22/08/2020 को डाॅ॰ रामकृष्ण पाण्डेय जी की आसामयिक मृत्यु से महाविद्यालय को अपूर्णीय क्षति हुई है। महाविद्यालय में यह पद अभी भी रिक्त है। शासन द्वारा शिक्षाशास्त्र विभाग में अतिरिक्त पद के सृजन के परिणामस्वरूप श्री उमेश कुमार ने दिनॉक 01/02/2021 को कार्य भार ग्रहण किया है जो अपने वरिष्ठ प्राध्यापको के सहयोग से शिक्षण/प्रशिक्षण को उत्तम बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत् है। परास्नातक कक्षाओं की मान्यता वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर से प्राप्त हुई उस समय इस विश्वविद्यालय के अन्तर्गत केवल 2 महाविद्यालयों को परास्नातक शिक्षाशास्त्र की मान्यता प्राप्त हो सकी थी जिसमें से एक हमारा महाविद्यालय था। प्रारम्भ में इस पाठ्यक्रम में मात्र 30 सीटें आबंटित की गई थी जिसे बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 60 सीटें कर दी गई। शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रथम सत्र के छात्र डाॅ॰ हेमेन्द्र कुमार सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर) लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में कार्यरत है। शिक्षाशास्त्र परास्नातक के छात्र डाॅ॰ सुदर्शन सिंह, डाॅ॰ नूर आलम एवं नेहा जायसवाल उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से चयनित होकर वर्तमान में उन्नाव, कुशीनगर तथा मिर्जापुर के महाविद्यालयों में कार्यरत है। डाॅ॰ हरीश पाण्डेय राँची विश्वविद्यालय राँची में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है। शिक्षाशास्त्र विभाग में कार्यरत डाॅ० अखिलानन्द सिंह एवं डाॅ॰ भूपेन्द्र कुमार यादव इसी महाविद्यालय के छात्र रहे है। विभाग के कई अन्य छात्र अन्यत्र कार्यरत है जिनकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है। विभाग में स्थापना वर्ष से ही पाक्षिक छात्र संगोष्ठी का आयोजन किया जाता रहा है। विभाग के 5 छात्र/छात्राएं विश्वविद्यालयी परीक्षा में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुके है। विश्वविद्यालयी परीक्षा में प्रत्येक वर्ष इस विभाग के छात्र/छात्राओं का सर्वोच्च दस में स्थान रहा है। वर्तमान सत्र 2022-23 में स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में 70, द्वितीय वर्ष में 158 तथा तृतीय वर्ष में 70 छात्र पंजीकृत है जबकि परास्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष में 46 एवं द्वितीय वर्ष में 24 छात्र पंजीकृत हैं।
शिक्षाशास्त्र विभाग ः-बी0ए0, एम0ए0
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डाॅ0 रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव
असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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डाॅ0 अखिलानन्द सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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डाॅ0 भूपेन्द्र कुमार यादव
असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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डॉ अभय कुमार शर्मा
असिस्टेंट प्रोफेसर (अनुदानित)
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1. डाॅ0 रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव -असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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प्रशासनिक उत्तरदायित्व : परिसर प्रभारी-राजातालाब, संयोजक- परीक्षा समिति, सह-संयोजक- केन्द्रीय प्रवेश समिति, उप-अनुशासक
शैक्षणिक योग्यता : परिसर प्रभारी-राजातालाब, संयोजक- परीक्षा समिति, सह-संयोजक- केन्द्रीय प्रवेश समिति, उप-अनुशासक
विशेषज्ञता का क्षेत्र : शिक्षा, स्त्री शिक्षा
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2. डाॅ0 अखिलानन्द सिंह -असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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प्रशासनिक उत्तरदायित्व : कार्यक्रम अधिकारी-राष्ट्रीय सेवा योजना,
नोडल अधिकारी- रोड सेफ्टी क्लब
शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (समाजशास्त्र), एम0ए0 (शिक्षाशास्त्र), बी0एड0,
पी-एच0डी0 (उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय)
विशेषज्ञता का क्षेत्र : शिक्षा के समाजशास्त्रीय आधार, शैक्षिक निर्देशन एवं परामर्श
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3. डाॅ0 भूपेन्द्र कुमार यादव-असिस्टेंट प्रोफेसर (परास्नातक)
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प्रशासनिक उत्तरदायित्व : सदस्य- पुस्तकालय समिति,
संयोजक-मिड टर्म परीक्षा (अंकपत्रों का रख-रखाॅव)
शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (शिक्षाशास्त्र), एम0ए0 (समाजशास्त्र)
पी-एच0डी0 (सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, 2009)
विशेषज्ञता का क्षेत्र : मूल्य शिक्षा
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4. श्री उमेश कुमार -असिस्टेंट प्रोफेसर (अनुदानित)
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प्रशासनिक उत्तरदायित्व : सदस्य- पुस्तकालय समिति
शैक्षणिक योग्यता : एम0ए0 (शिक्षाशास्त्र), एम0एड0, यू.जी.सी. नेट
विशेषज्ञता का क्षेत्र : शिक्षा मनोविज्ञान, शोध विधियाँ एवं मापन एवं मूल्यांकन
विशेषज्ञता का क्षेत्र : दर्शन एवं वेद।
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